बिहार के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरजेडी के बागी विधायक चेतन आनंद के नए सरकारी आवास के गृह प्रवेश में शामिल होकर हैरानी में डाल दिया। यह समारोह पटना के गार्डनबाग इलाके में आयोजित किया गया था, जिसमें राज्य के दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी शामिल हुए। इस मौके पर कई वरिष्ठ मंत्री भी मौजूद थे।
समारोह 'खरमास' के बाद आयोजित किया गया था, जोकि बिहार में ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार महत्वपूर्ण समय माना जाता है। इस शुभ अवसर पर पारंपरिक विधी विधान का पालन किया गया, जिसमें 'दही-चूड़ा' का भोज भी शामिल था। चेतन आनंद की मां, सांसद लवली आनंद ने इस आयोजन की पूरे दिल से मेज़बानी की।
लवली आनंद ने 'दही-चूड़ा' भोज को मकर संक्रांति की परंपरा से जोड़ते हुए उसकी सांस्कृतिक महत्ता पर जोर दिया। इस भोज को बिहार में शुभ और समृद्धि से जोड़कर देखा जाता है।
इस समारोह का राजनीतिक संदर्भ भी कम नहीं था। चेतन आनंद, जो कि आरजेडी से नाता तोड़कर बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के समर्थक बने, उनके इस कदम को एनडीए के प्रति उनकी निष्ठा के प्रतीक के रूप में देखा गया। इस मौके पर चेतन के पिता, पूर्व सांसद आनंद मोहन ने महागठबंधन के हालिया उपचुनावों में प्रदर्शन को आड़े हाथों लिया और इसे उनकी कमजोर होती पकड़ का प्रतीक बताया।
इस समारोह में चेतन आनंद की नई राजनीतिक दिशा और उनके परिवार के एनडीए के समर्थन की स्पष्ट झलक दिखाई दी। इससे बिहार की राजनीति में नए समीकरण बनने की संभावनाएं भी नजर आइ हैं।
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