जब बीसीसीआई ने रोहित शर्मा, भारत के ODI कप्तान (पूर्व) को हटाकर शुबमन गिल, भारत के नया ODI कप्तान नियुक्त किया, तो पूरे देश में हलचल मच गई। यह घोषणा अहमदाबाद में 4 अक्टूबर 2025 को हुई, जहाँ मुख्य चयनकर्ता अजित अग्रकार, मुख्य चयनकर्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। साथ ही मुख्य कोच गौतम गम्भीर और सचिव देवजित सैकिया ने इस कदम का समर्थन किया, यह स्पष्ट करते हुए कि भारत को अगले दो साल में 2027 के ODI विश्व कपदक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, जिम्बाब्वे की तैयारी के लिये एक स्थिर नेतृत्व चाहिए।
रोहित ने 56 ODI में 46 जीत का रिकॉर्ड बनाया, जिसमें 2025 का चैंपियंस ट्रॉफी जीत भी शामिल है। 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व कप फ़ाइनल तक पहुँचना, 2023 की एशिया कप जीता, और 2018 में वेबचैंपियन बनना उनके करियर को चमकदार बनाता है। फिर भी अगली दो‑साल की योजना में उन्होंने अपनी भूमिका का पुनर्मूल्यांकन करने का इरादा जताया, जैसा कि चयन समिति के बयान में कहा गया।
सिर्फ 26 साल की उम्र में शुबमन ने पहले टेस्ट कप्तान का पद संभाल लिया था, और अब वह दो फॉर्मेट्स का कप्तान बन रहा है। बीसीसीआई के भीतर उनका "साइलेंट लीडरशिप" मॉडल, युवाओं में भरोसे का प्रतीक माना जाता है। गिल ने पहले ही कई महत्त्वपूर्ण सम्मेलनों में अपने एकरूप खेल‑प्रबंधन शैली को दिखाया, जैसे कि इंग्लैंड‑ऑस्ट्रेलिया टेस्ट श्रृंखला में 2024‑25 में 400+ रन और 10+ विकेट। इस बार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन‑मैच ODI श्रृंखला उनके लिए "ड्राइंग रूम" साबित होगी, जहाँ उन्हें नई रणनीति, फ़ील्ड सेट‑अप और बॉलिंग प्लान बनानी होगी।
अधिसम्पूर्ण 15‑खिलाड़ी गठबंधन में शुगरभरी उम्मीदें हैं। श्रेयस आयर को उप‑कप्तान बनाया गया, जबकि वे रेड‑बॉल से ब्रेक ले रहे हैं। रोहित और विराट कोहली दोनों को खिलाड़ी के रूप में रखी गई सूची में शामिल किया गया, पर उनकी भविष्य की भागीदारी अब प्रदर्शन, फ़िटनेस, और घरेलू क्रिकेट के प्रति प्रतिबद्धता पर निर्भर होगी। चयन समिति ने कहा कि "ऑडिशन‑जैसे" प्रदर्शन वाले खिलाड़ी के लिए जगह हमेशा खुली रहेगी।
अजित अग्रकार ने बताया, "तीन अलग‑अलग कप्तान तीन फॉर्मेट्स में योजना बनाना व्यावहारिक नहीं। ODIs का कैलेंडर छोटा है, इसलिए हमें अगले दो‑साल में एक स्थिर नेतृत्व चाहिए।" उन्होंने यह भी कहा कि "रोहित की निर्णय‑लेना उनके और समिति के बीच है, लेकिन हमारा फोकस 2027 विश्व कप है।" गम्भीर ने जोड़ते हुए कहा, "टेस्ट में गिल ने टीम को नई दिशा दिखाई, अब हम वही दिशा ODIs में भी ले जाना चाहते हैं।" इस प्रकार, बीसीसीआई का लक्ष्य एक ही कप्तान के अन्तर्गत सभी फॉर्मेट्स को एकीकृत करना है, जिससे चयन प्रक्रिया, रणनीति, और खिलाड़ी मनोबल में सुसंगतता आए।
ऑस्ट्रेलिया टूर के लिए 19 अक्टूबर 2025 को पहला मैच तय है। इस टूर में गिल को "पायलट प्रोजेक्ट" कहा जा रहा है—क्या वह टीम को जीत की नई लहर में ले जा पाएंगे, यह अब पूरी तरह से मैदान पर निर्भर करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि गिल शुरुआती दो मैचों में सकारात्मक परिणाम दिखा पाएँ, तो वह टीम के भीतर भरोसे को और मजबूत कर सकेंगे। दूसरी ओर, रोहित और विराट के प्रदर्शन भी इस टूर में निरंतरता का परीक्षण होगा।
क्रिकेट विश्लेषक रवींद्र कुमार ने कहा, "गिल का चयन सोच-समझकर किया गया कदम है, लेकिन वह अभी भी युवा है। उन्हें बड़े‑बड़े दबाव में निर्णय लेना सीखना होगा।" वहीं, कई दर्शकों ने सोशल मीडिया पर रोहित के त्याग को "भेद्य निर्णय" कहा, पर साथ ही गिल को "भविष्य की आवाज़" के रूप में सराहना भी की। बीसीसीआई के प्रवक्ता ने टिप्पणी में बताया, "हमें पता है कि फुटबॉल‑क्रिकेट प्रशंसकों की भावनाएँ तीव्र हैं, पर हमारा लक्ष्य भारत को विश्व स्तर पर लगातार प्रतिस्पर्धी बनाना है।"
गिल ने 27 जुलाई 2025 को भारत के टेस्ट कप्तान का पद संभाला, जब रोहित शर्मा ने टेस्ट से संन्यास ले लिया। यह पदभार उसे नवीनतम टेस्ट श्रृंखला में मिल गया, और अब वह दोनों फॉर्मेट्स का कप्तान बनेंगे।
चयनकर्ता अजित अग्रकार ने कहा कि ODIs के सीमित कैलेंडर को देखते हुए टीम को एक स्थिर नेतृत्व चाहिए, जिससे 2027 विश्व कप की तैयारी में निरंतरता बनी रहे। इस कारण उन्होंने रोहित को हटाकर गिल को मौका दिया।
तीन‑मैच की ODI श्रृंखला 19 अक्टूबर 2025 को ऑस्ट्रेलिया में शुरू होगी, जिसके बाद दो और मैच क्रमशः 23 और 27 अक्टूबर को खेले जाएंगे।
बीसीसीआई ने अभी तक अंतिम रूप से निर्णय नहीं किया है; उनकी भागीदारी अब उनकी फिटनेस, फॉर्म और घरेलू प्रदर्शन पर निर्भर करेगी। दोनों को अभी टीम में खिलाड़ियों के रूप में रखी गई सूची में शामिल किया गया है।
आयर ने हाल ही में रेड‑बॉल से ब्रेक लेने के बाद अपने बॅटिंग फ़ॉर्म को बेहतर करने की घोषणा की थी, लेकिन टीम प्रबंधन ने माना कि उसकी रणनीतिक समझ और फ़ील्डिंग क्षमता उप‑कप्तान भूमिका के लिए उपयुक्त है।
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Nilanjan Banerjee
भारत के क्रिकेट इतिहास में कप्तान परिवर्तन का प्रत्येक क्षण गूढ़ नाट्य के समान अनिवार्य होता है। रोहित शर्मा के युग की समाप्ति को शुबमन गिल की नई पंक्तियों में पुनर्लेखन किया गया, जिससे टीम के भविष्य की दिशा पुनः परिभाषित होगी। यह चयन केवल फॉर्मेट‑विशिष्ट रणनीति नहीं, बल्कि दो‑साली विश्व कप की दीर्घकालिक दृष्टि का प्रतिबिंब है।
sri surahno
भलाई की मुबारक प्रशंसा के पर्दे के पीछे, चयन मंडल की गुप्त दस्तावेज़ों ने इस कदम के पीछे एक व्यवस्थित शक्ति संतुलन परिवर्तन का संकेत दिया है। एलीट वर्ग ने शुबमन को प्रतीकात्मक रूप से स्थापित किया है, ताकि मौजूदा सत्ता संरचना को फिर से व्यवस्थित किया जा सके। यह केवल खेल नहीं, बल्कि राष्ट्रीय अभिमान के पुनर्गठन का प्रयोगिक चरण है। सार्वजनिक राय को दिशा‑निर्देशित करने के लिये इस घोषणा को निर्मित किया गया, ताकि रोहित के विस्तृत रिकॉर्ड को दमन किया जा सके। अंततः, परिष्कृत शिष्टाचार की यही परिभाषा हमें समझ में आती है।