अरविंद केजरीवाल जमानत: सीबीआई ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को बताया 'एक्साइज पॉलिसी घोटाला' का 'सूत्रधार', हाई कोर्ट ने आरक्षित रखा जमानत पर फैसला

अरविंद केजरीवाल जमानत: सीबीआई ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को बताया 'एक्साइज पॉलिसी घोटाला' का 'सूत्रधार', हाई कोर्ट ने आरक्षित रखा जमानत पर फैसला

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर एक्साइज पॉलिसी घोटाले के आरोप

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर से कानूनी पचड़े में फंस गए हैं। केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने शराब नीति घोटाले को न केवल अंजाम दिया, बल्कि इसे अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों से पारित भी करवाया। सीबीआई ने इस मामले की जांच के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, जिनमें बताया गया है कि किस तरह से इस नीति को तैयार किया गया और पारित करवाया गया।

सीबीआई का केस और चार्जशीट

सीबीआई ने अपनी अंतिम चार्जशीट में दावा किया है कि अरविंद केजरीवाल ने महामारी के दौरान इस नीति पर हस्ताक्षर किए और इसे अपने सहयोगियों तक तेजी से पहुँचाया। चार्जशीट में कहा गया है कि इस नीति में कुछ निजी खिलाड़ियों को लाभ पहुँचाने की कोशिश की गई। इसमें आईएएस अधिकारी सी. अरविंद का बयान भी शामिल किया गया है, जिन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में विजय नायर इस पॉलिसी की प्रति को कंप्यूटर में दर्ज कराने लाए थे। और कहा गया कि उस समय अरविंद केजरीवाल खुद भी वहाँ मौजूद थे।

जमानत याचिका पर सुनवाई

दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत याचिका और उनके गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई की। सीबीआई के वकील ने कहा कि केजरीवाल ने नई सामग्री प्रस्तुत नहीं की है, जिससे उनकी गिरफ्तारी को औचित्यपूर्ण ठहराया जा सके। वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने दावा किया कि केजरीवाल को ‘इंश्योरेंस अरेस्ट’ के तहत गिरफ्तार किया गया, ताकि वे जेल से बाहर न आ सकें। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले ईडी मामले में उन्हें अंतरिम जमानत दी थी।

विजय नायर और अन्य अधिकारी

विजय नायर और अन्य अधिकारी

सीबीआई का आरोप है कि इस घोटाले में कई अधिकारी और व्यक्ति शामिल थे। आईएएस अधिकारी सी. अरविंद ने बयान दिया कि विजय नायर इस पॉलिसी की प्रति लेकर आए थे और इसे कंप्यूटर में दर्ज कराया। इस दौरान मुख्यमंत्री केजरीवाल भी वहीं पर मौजूद थे।

सीबीआई की कड़ी पकड़

सीबीआई की टीम ने जहां एक ओर पूरा मामला गहराई से जांचा, वहीं अन्य एजेंसियों ने भी अपनी-अपनी जांच शुरू कर दी है। ईडी द्वारा भी मनी लॉन्डरिंग के आरोपों की जांच की जा रही है और कुछ वित्तीय लेनदेन की पुष्टि हो रही है।

केजरीवाल की गिरफ़्तारी और न्यायिक हिरासत

सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल को 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था, जहां वे पहले से ही ईडी द्वारा दर्ज मनी लॉन्डरिंग केस में न्यायिक हिरासत में थे। दिल्ली राउस एवेन्यू कोर्ट ने उनकी हिरासत को 8 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया।

वकीलों का पक्ष

वकीलों का पक्ष

अरविंद केजरीवाल के वकील ने अदालत में तर्क दिया कि सीबीआई ने 4 जून के बाद कोई नई सामग्री पेश नहीं की है, जिससे गिरफ्तारी को उचित ठहराया जा सके। वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि यह गिरफ्तारी केवल इसलिए की गई, ताकि केजरीवाल जेल से बाहर न आ सकें।

भविष्य की दिशा

अब सभी की निगाहें दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले पर हैं। क्या केजरीवाल को जमानत मिलेगी या वे जेल में रहेंगे, यह आने वाले समय में स्पष्ट हो जाएगा।

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