आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव 2024 के परिणामों ने राज्य में राजनीति की दिशा बदल दी है। तेलगु देशम पार्टी (TDP) ने असेंबली सीटों में बड़ी बढ़त हासिल की है और अब यह राज्य की अगली सरकार बनाने की दिशा में अग्रसर है। TDP के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और उनकी टीम जनता का विश्वास जीतने में सफल रहे हैं, जबकि वर्तमान सत्तारूढ़ पार्टी युजाना श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (YSRCP) ने खराब प्रदर्शन किया है।
आंध्र प्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजों के अनुसार, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने 25 में से 22 सीटों पर जीत दर्ज की है। यह राज्य में उनकी प्रभावशाली स्थिति को दर्शाता है और आगामी राजनीतिक घटनाओं को आकार देगा। YSRCP ने केवल तीन लोकसभा सीटें जीती हैं, जिससे उनकी स्थिति कमजोर हो गयी है।
वर्तमान मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की YSR कांग्रेस सरकार ने विधानसभा चुनाव में केवल 16 सीटों पर बढ़त हासिल की है। इससे साफ संकेत मिलता है कि राज्य के वोटरों ने इस सरकार के खिलाफ फैसला लिया है। मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने अपने इस्तीफे की घोषणा की है और वे राज्यपाल से मिलने के लिए तैयार हैं।
TDP की जीत के बाद पार्टी कार्यालयों में जश्न का माहौल है। भाजपा और जनसेना पार्टी के कार्यालयों में भी खुशी की लहर है, क्योंकि यह गठबंधन राज्य में अब सरकार बनाने जा रहा है। इस मौके पर चंद्रबाबू नायडू ने अपने परिवार के साथ जीत का जश्न मनाया, जबकि उनके बेटे लोकेश ने मंगलागिरि विधानसभा क्षेत्र में बढ़त बनाए रखी हुई है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज्य के मतदाताओं ने स्थायी विकास को तात्कालिक कल्याणकारी योजनाओं पर प्राथमिकता दी है। YSR कांग्रेस सरकार को विधानसभा में हारने का कारण उनके द्वारा शुरू की गई योजनाओं का प्रभावी न होना माना जा रहा है। इसके विपरीत, TDP ने लगातार विकास और जनसंपर्क अभियान चलाया, जिससे उनका समर्थन बड़े पैमाने पर बढ़ा है।
आंध्र प्रदेश की राजनीति में यह बदलाव अगले कुछ वर्षों में महत्वपूर्ण घटनाओं को जन्म देगा। नई सरकार द्वारा उठाए गए कदम और उनके निर्णय राज्य की दिशा को निर्धारित करेंगे। चंद्रबाबू नायडू की नेतृत्व क्षमता और उनकी टीम की कार्यकुशलता अब राज्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का काम करेगी।
आंध्र प्रदेश विधानसभा और लोकसभा चुनाव 2024 के परिणामों ने स्पष्ट रूप से दिखा दिया है कि राज्य के मतदाता क्या चाहते हैं। TDP की ब�ढ़त ने जनता का विश्वास जीता है, जबकि NDA की जीत ने आगामी केंद्र सरकार में उनकी प्रमुख भूमिका स्थापित की है। आने वाले दिनों में आंध्र प्रदेश की राजनीति में और भी नए मोड़ देखने को मिल सकते हैं।
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Vijay Kumar
जनता ने सिर्फ विकास चाहा, न कल्याणकारी झूठ। ये चुनाव एक सामाजिक जागृति का परिणाम है।
Jaya Bras
YSRCP को हार का आरोप लगाना आसान है पर उनके जिस तरह से बेटे को अपना वारिस बनाया उसकी कोई चर्चा नहीं होती।
Harsha kumar Geddada
इस जीत का मतलब ये नहीं कि TDP ने सब कुछ ठीक कर दिया। विकास की बात तो सब करते हैं, लेकिन जब आप एक राज्य को दो बार सत्ता में लाते हैं, तो आपके वादों का बोझ भी दोगुना हो जाता है। चंद्रबाबू ने अपने पिछले शासन के दौरान जो ब्यूरोक्रेटिक अव्यवस्था छोड़ी थी, उसका अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ। आज जो लोग उनकी जीत का जश्न मना रहे हैं, वो भूल रहे हैं कि वो अपने अपने गांवों में अभी भी बिजली के बिल नहीं भर पा रहे। ये सब बातें अभी तक सिर्फ टीवी पर चल रही हैं। जनता को बस एक बार फिर भरोसा दिया गया है, लेकिन अगले चार साल में अगर वो भी नहीं देख पाएंगे कि उनके बच्चों के स्कूल में टीचर आ रहा है या नहीं, तो अगली बार वो किसी और को चुनेंगे। इस बार की जीत एक रिवॉल्यूशन नहीं, बल्कि एक रिसेट है।
Rupesh Sharma
हर कोई विकास की बात कर रहा है, लेकिन वो भूल रहा है कि विकास का मतलब बस सड़क बनाना नहीं होता। वो तो ये है कि एक गरीब आदमी को अपने बच्चे को पढ़ा सके, बीमारी में डॉक्टर के पास जा सके, और रात को सो सके बिना डरे। अगर TDP ये चीजें लाएगी तो वो सच में बदलाव लाएगा।
Abhishek Rathore
इस बार का चुनाव बहुत साफ था। लोगों ने बस ये सोचा कि अब तक जो दिया गया, वो काफी नहीं था। अब देखना होगा कि नई सरकार कैसे जवाब देती है।
Shivakumar Kumar
इस जीत का असली जादू ये है कि ये सिर्फ एक पार्टी की जीत नहीं, बल्कि एक नए तरीके से सोचने की जीत है। जब तक लोग अपने गांव के नाम से अपनी पहचान बनाते रहेंगे, तब तक राजनीति बस एक नाम की लड़ाई रहेगी। आज लोगों ने एक नए रास्ते का चुनाव किया है - जहां विकास नाम से ज्यादा मायने रखता है।
saikiran bandari
YSRCP हार गया तो जगन ने इस्तीफा दे दिया बस इतना ही बात है
Arun Sharma
यह जीत केवल एक राजनीतिक घटना नहीं है, यह एक सामाजिक असंतोष का अभिव्यक्ति है। जब एक सरकार अपने नागरिकों के साथ ईमानदारी से व्यवहार नहीं करती, तो उसकी अवधि अनिश्चित हो जाती है।
Ravi Kant
तेलंगाना के बाद आंध्र प्रदेश ने भी अपनी पहचान बहाल करने का फैसला किया है। ये जीत सिर्फ चंद्रबाबू की नहीं, बल्कि आंध्र की ज़मीन की जीत है।
Subham Dubey
NDA की जीत पर खुशी मनाना बिल्कुल बेकार है। ये सब एक गहरी साजिश है जिसका लक्ष्य भारत को एक धार्मिक राष्ट्र बनाना है। आंध्र के लोग इसका शिकार बन रहे हैं।
Rashmi Naik
ये जीत तो बस एक फेक न्यूज़ वाला इफेक्ट है, रियल डेटा तो अभी तक अनावृत है।
sachin gupta
लोगों ने जगन को हराया लेकिन चंद्रबाबू को नहीं चुना। ये तो बस एक ट्रेंड है जो अगले साल बदल जाएगा। बाजार में अब नया नाम चल रहा है - जो भी अगले चुनाव में बाजार को बोलेगा, वो जीतेगा।
Rajeev Ramesh
यह जीत एक अनुभवी नेता की योग्यता का प्रमाण है। चंद्रबाबू नायडू ने राज्य के विकास के लिए लंबे समय तक काम किया है, और आज यह परिणाम उनके दृढ़ निश्चय का परिणाम है।