जब अनंत अंबानी को 1 मई 2025 से पाँच साल के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) में कार्यकारी निदेशक (Executive Director) नियुक्त किया गया, तो बाज़ार ने तुरंत ध्यान दिया। कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि नई भूमिका के बदले उनका वेतन 10 करोड़ से 20 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष होगा, साथ ही कंपनी के मुनाफे पर कमीशन, आवास भत्ता, रखरखाव खर्च और यात्रा रियायत जैसे कई भत्ते भी मिलेंगे। यह निर्णय अनंत के पहले के नॉन‑एग्जीक्यूटिव निदेशक पद से एक बड़ा कदम है, और समूह की उत्तराधिकार योजना का अहम हिस्सा माना जा रहा है।
रिलायंस ने 15 अप्रैल 2025 को शेयर बाजार को एक नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया कि अनंत अंबानी की नियुक्ति पोस्टल बैलेट के माध्यम से शेयरधारकों की मंजूरी के अधीन होगी। यह कदम मानव संसाधन, नामांकन और पारिश्रमिक समिति (HRNR Committee) की सिफारिशों पर आधारित था, और बोर्ड ने इसे स्वीकृति दी। कंपनी के वार्षिक आम सभा (AGM) में इस नियुक्ति को औपचारिक रूप से घोषणा किया गया, जहां मुकेश अंबानी ने कहा कि यह “परिवार के उत्तराधिकार की स्पष्ट दिशा” है।
आधिकारिक फ़ाइलिंग के अनुसार, अनंत अंबानी को प्राप्त राशि में कई घटक शामिल हैं:
वेतन में वार्षिक वृद्धि का निर्धारण HRNR कमेटी करेगी, जिससे यह पैकेज अगले पाँच वर्षों में कैसे बदल सकता है, इसकी स्पष्ट तस्वीर नहीं मिल पाई है।
अनंत ने 2015 में ही रिलायंस ग्रुप के साथ अपना करियर शुरू किया। ब्राउन यूनिवर्सिटी से स्नातक होने के बाद उन्होंने समूह के ऊर्जा विभाग में काम किया, विशेषकर सोलर और नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट्स में। तेल‑से‑रसायन (O2C) व्यवसाय में कच्चे तेल की खरीद, रिफाइनरी संचालन और उत्पाद सप्लाई की जिम्मेदारी संभाली। इनके अलावा वे रिलायंस फाउंडेशन और वन्यजीव संरक्षण प्रोजेक्ट वन्तारा से भी जुड़े रहे हैं।
कंपनी के बोर्ड में उनका पहला पद नॉन‑एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर था, जहाँ उन्हें केवल ₹4 लाख मीटिंग फ़ी और ₹97 लाख कमीशन मिलता था। अब वे पूरी‑कालिक कार्यकारी भूमिका लेकर सामग्री और नवीकरणीय ऊर्जा खंडों के संचालन में सीधे जुड़ेंगे।
2023 में मुकेश अंबानी ने तीनों बच्चों को अलग‑अलग बिजनेस यूनिट्स की जिम्मेदारी दी। आकाश अंबानी टेलीकॉम (जियो इन्फोकॉम) के चेयरमैन हैं, ईशा अंबानी रिटेल और जियो फाइनेंशियल सर्विसेज़ की देखरेख करती हैं, जबकि अनंत को ऊर्जा और केमिकल सेक्टर सौंपी गई है। उनके साथ ही जियो प्लेटफॉर्म्स, रिलायंस रिटेल वेंचर्स, रिलायंस न्यू एनर्जी, रिलायंस न्यू सोलर एनर्जी और रिलायंस फाउंडेशन के बोर्ड में उनका निरंतर स्थान रहा है।
"हमारा लक्ष्य है कि अगली पीढ़ी के नेतृत्व में समूह न केवल भारत में बल्कि ग्लोबल स्तर पर भी प्रतिस्पर्धी बना रहे," एक बोर्ड सदस्य ने कहा, जो अनंत की नई जिम्मेदारियों को लेकर उत्साहित दिखे।
AGM 2025 में अनंत ने जामनगर में धीरूभाई अंबानी गीगा एनर्जी कॉम्प्लेक्स (Dhirubhai Ambani Giga Energy Complex) के निर्माण की घोषणा की। यह प्लांट टेस्ला गीगाफैक्ट्री से चार गुना बड़ा होगा और 100 फ़ीट टावर के बराबर स्टील का उपयोग करेगा। उन्होंने कहा कि KG बेसिन में 2026 तक नई ड्रिलिंग शुरू होगी, और कोल‑बेड मीथेन (CBM) उत्पादन 30 % बढ़कर 0.8 MMSCMD हो गया है।
रिलायंस नई‑ऊर्जा के प्रशासक प्रो. अभिषेक जैन, जो इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, अहमदाबाद में गवर्नर हैं, ने टिप्पणी की: "अनंत अंबानी की ऊर्जा‑केंद्रीत दृष्टि समूह को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, विशेषकर जब भारत को 2040 तक 40 % नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य हासिल करना है।"
विशेषज्ञों का मानना है कि अनंत की नेतृत्व में RIL की ऊर्जा शाखा कई बड़े अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों की दिशा में बढ़ेगी। कोल‑बेड मीथेन की माप में सुधार, हाइड्रोजन प्रोजेक्ट्स का विस्तार, और सौर‑उर्जा में बड़े स्तर पर संचयन की संभावनाएँ अब व्यावहारिक लगती हैं। यदि यह योजना सफल होती है, तो भारत की ऊर्जा सुरक्षा में एक बड़ा बदलाव आ सकता है।
कंपनी ने बताया कि उनका वार्षिक मूल वेतन 10 से 20 करोड़ रुपये के बीच रहेगा, और यह रेंज बोर्ड द्वारा निर्धारित होगी। इसके अलावा वे कंपनी के नेट प्रॉफिट पर 1 % तक का कमीशन तथा विविध भत्ते भी प्राप्त करेंगे।
हां। वे अब सामग्री और नवीकरणीय ऊर्जा खंडों के संचालन, ड्रिलिंग योजनाओं और नई तकनीकी साझेदारियों की निगरानी सहित कई प्रमुख निर्णयों में भाग लेंगे। यह पहले के नॉन‑एग्जीक्यूटिव पद से काफी अलग है।
यह जामनगर में बनने वाला एक विशाल ऊर्जा संयंत्र होगा, जो टेस्ला की गीगाफैक्ट्री से चार गुना बड़ा कहा गया है। इसमें 100 फुट टावर के बराबर स्टील का उपयोग होगा और यह मुख्यतः नवीकरणीय ऊर्जा एवं एग्जॉस्ट गैस री-यूज़ के लिए डिजाइन किया गया है।
शेयरधारक नई पीढ़ी के नेतृत्व में कंपनी की निरंतर वृद्धि की उम्मीद कर सकते हैं। ऊर्जा क्षेत्र में तेज़ी से बदलाव और नवीकरणीय प्रोजेक्ट्स की विस्तार से समूह की दीर्घकालिक लाभप्रदता में सुधार हो सकता है।
उन्होंने अमेरिकन ब्राउन यूनिवर्सिटी से स्नातक किया है। 2015 से वे रिलायंस ग्रुप के विभिन्न ऊर्जा, रिफाइनरी और केमिकल प्रोजेक्ट्स में कार्यरत रहे हैं, साथ ही रिलायंस फाउंडेशन और वन्यजीव संरक्षण परियोजनाओं में भी योगदान दिया है।
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harshit malhotra
अनंत अंबानी का नया वेतन पैकेज भारत की आर्थिक शक्ति का प्रतिबिंब है। यह संकेत देता है कि परिवार भी यह समझ रहा है कि प्रतियोगी बाजार में खुद को आगे ले जाना है। पाँच साल की अवधि में उनका सैलरी बैंड 10‑20 करोड़ के बीच तय किया गया है, जिससे आगे के विकास में निवेश करने की गुंजाइश बढ़ेगी। वेतन के अलावा कई भत्ते जैसे हाउस रेंट अलाउंस, रखरखाव खर्च और यात्रा रियायतें भी शामिल हैं, जिससे उनकी कुल आय में काफी इजाफा होगा। इस कदम से यह स्पष्ट होता है कि रिलायंस ने उत्तराधिकार को गंभीरता से ले रहा है और युवा पीढ़ी को जिम्मेदारी देना चाहता है। अनंत ने पहले ही ऊर्जा और केमिकल सेक्टर में कई प्रोजेक्ट्स संभाले हैं, इसलिए उनका रुझान नवीकरणीय ऊर्जा की ओर है। यह बदलाव भारत की ऊर्जा स्वावलंबन की दिशा में एक बड़ी छलांग हो सकती है। अंत में, इस नियुक्ति से शेयरहोल्डर्स को दीर्घकालिक लाभ की उम्मीद है।
Ankit Intodia
ऐतिहासिक दृष्टिकोण से देखें तो अनंत अंबानी की यह भूमिका भारतीय उद्योग में उत्तराधिकार की नई परिपाटी स्थापित करती है। उनका शैक्षिक पृष्ठभूमि और ग्रुप में दो दशकों की सेवा उन्हें इस पद के योग्य बनाती है। वे अब न केवल नॉन‑एक्जीक्यूटिव बोर्ड के सदस्य हैं, बल्कि रणनीतिक निर्णयों में प्रत्यक्ष भागीदारी करेंगे। यह बदलाव नयी पीढ़ी के नेतृत्व की स्पष्ट दृष्टि को दर्शाता है, जिससे कंपनी के भविष्य को अधिक स्थायी बनाया जा सकता है। इसके अलावा, उनका वेतन पैकेज कई मापदंडों पर आधारित है, जिससे प्रदर्शन के साथ अनुकूलन संभव है। यह प्रणाली अन्य कॉरपोरेट्स के लिए भी एक मॉडल बन सकती है। अंत में, इस कदम से निवेशकों को यह भरोसा मिलेगा कि समूह के भीतर सुगम संक्रमण हो रहा है।
Aaditya Srivastava
रिलायंस का यह पदानुक्रम बदलाव भारतीय कारोबार में पीढ़ी दर पीढ़ी की बदलती जमीनी समझ को दर्शाता है। अनंत ने पहले ही सोलर और रिन्यूएबल प्रोजेक्ट्स में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, इसलिए उनके पास इस क्षेत्र का गहरा ज्ञान है। अब वह सामग्री और ऊर्जा सेक्टर में सीधे निर्णय ले सकेंगे, जो कंपनी के भविष्य को तेज़ी से आगे बढ़ाने में मदद करेगा। इस नियुक्ति से यह स्पष्ट होता है कि परिवार के सदस्य भी व्यावहारिक अनुभव के बिना नहीं चलेंगे। ऐसे कदम नवाचार को प्रोत्साहित करते हैं और छोटे स्टार्ट‑अप्स के लिए भी प्रेरणा बनते हैं। भारतीय उद्योग को इस प्रकार की योजना से लाभ होगा क्योंकि प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और नई तकनीकें अपनाई जाएँगी।
Vaibhav Kashav
बिलकुल, 20 करोड़ वेतन में जियो की सारी लाइबिलिटी भी मिल जाए तो काश!
saurabh waghmare
अनंत के इस कदम को देखते हुए, यह कहना सुरक्षित है कि समूह ने उत्तराधिकार में स्पष्ट दिशा तय की है। उनका अनुभव और शिक्षा इस भूमिका के लिए उपयुक्त हैं, विशेषकर नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में। वे अब रणनीतिक निर्णयों में सीधे भाग लेंगे, जिससे कंपनी की दीर्घकालिक योजना को मजबूती मिलेगी। साथ ही, वेतन पैकेज का व्यापक स्वरूप कर्मचारियों को प्रेरित कर सकता है। यह पहल अन्य बड़े समूहों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकती है, जो अपने उत्तराधिकार को तैयार कर रहे हैं। कुल मिलाकर, यह परिवर्तन रिलायंस को नई ऊर्जा और दिशा देगा।
Madhav Kumthekar
अनंत की ऊर्जा में गहरी रुचि और प्रोजेक्ट्स में उनका योगदान वास्तव में उल्लेखनीय है। उनका अब कार्यकारी पद लेना समूह के लिए एक सकारात्मक संकेत है। इससे नयी तकनीकों को अपनाने में तेजी आ सकती है। इस वेतन पैकेज में विभिन्न भत्ते भी शामिल हैं, जो उनके कार्य को सुविधाजनक बनाते हैं। यह बदलाव कंपनी के शेयरधारकों के लिए भी आश्वस्तिदायक है, क्योंकि यह विकास को समर्थन देगा। अंत में, इस प्रकार की नियुक्तियाँ भारतीय कॉरपोरेट गवर्नेंस को भी मजबूत बनाती हैं।
Deepanshu Aggarwal
सच में, अनंत की नई जिम्मेदारियों के साथ समूह में ऊर्जा क्षेत्र की गति तेज़ होगी 😊। उनका पिछला अनुभव इस पद के लिये बिल्कुल फिट है। मैं मानता हूँ कि यह कदम लम्बी अवधि में शेयरधारकों को लाभ पहुंचाएगा। साथ ही, विविध भत्ते उन्हें और भी प्रेरित करेंगे। हमारे देश की ऊर्जा सुरक्षा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। आशा है कि नई पहलें और बड़े साझेदारियों की दिशा में आगे बढ़ेंगी। 🙌
Pawan Suryawanshi
बहुत ही रंगीन भविष्य की ओर एक कदम, जहाँ अनंत अंबानी के नेतृत्व में नवाचारी ऊर्जा प्रोजेक्ट्स चमकेंगे 🌟। उनका अब कार्यकारी पद, समूह के ऊर्जा रणनीति में नया पनक्का घुसेगा, जिससे दीर्घकालिक स्थिरता बढ़ेगी। इस वेतन पैकेज में भत्ते और कमीशन मिलाने से वे अपने लक्ष्य पर फोकस कर पाएँगे, बिना वित्तीय दबाव के। साथ ही, यह कदम युवा उद्यमियों को प्रेरित करेगा कि कैसे सही शिक्षा और अनुभव से शीर्ष पद तक पहुँच सकते हैं। रिलायंस का यह निर्णय भारतीय उद्योग में प्रतिस्पर्धा को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा, क्योंकि नवाचार और निवेश दोनों को प्रोत्साहन मिलेगा। अंत में, सभी को इस विकास यात्रा में भाग लेने का अवसर मिलेगा, जिससे राष्ट्र की ऊर्जा स्वावलंबन की दिशा में बड़ी प्रगति होगी। 🚀
Harshada Warrier
क्या पता ये सब सरकार की कोई बड़ी योजना है?
Jyoti Bhuyan
अनंत अंबानी की इस नई भूमिका से भारत की ऊर्जा भविष्य को नई ऊर्जा मिली है। उनका सफर 2015 से शुरू होकर आज शीर्ष पर पहुँचा, यह दिखाता है कि निरंतर मेहनत और सीखने का फल मिलता है। यह वेतन पैकेज न सिर्फ व्यक्तिगत सफलता को दर्शाता है, बल्कि कंपनी की प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता भी दिखाता है। युवा पीढ़ी को इस से प्रेरणा मिलनी चाहिए कि लक्ष्य सेट करके लगातार प्रयास किया जाए। नवीकरणीय ऊर्जा में उनकी भूमिका देश को 2040 के लक्ष्य की ओर तेज़ी से ले जाएगी। समूह की नई योजना में गीगा एनर्जी कॉम्प्लेक्स का निर्माण एक मील का पत्थर है, जो ऊर्जा उत्पादन को बहुत बढ़ाएगा। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। इस दिशा में सहयोगी कंपनियों के साथ साझेदारी संभव है, जिससे तकनीकी उन्नति तेज़ होगी। निवेशकों को भी इस स्थिर और दीर्घकालिक विकास की संभावना में भरोसा होगा। कुल मिलाकर, यह कदम भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भरता के पथ पर ले जाएगा और भविष्य में अन्य देशों के लिए एक मॉडल बन सकता है।