अमित मिश्रा: कैसे शोहरत और ताकत ने बदल दिया विराट कोहली का स्वभाव

अमित मिश्रा: कैसे शोहरत और ताकत ने बदल दिया विराट कोहली का स्वभाव

विराट कोहली और रोहित शर्मा: एक नजर भारतीय क्रिकेट की दो ध्रुवों पर

भारतीय क्रिकेट की दो अहम शख्सियतों, विराट कोहली और रोहित शर्मा, ने अपने करियर की शुरुआत लगभग एक ही समय पर की थी। उनकी करियर यात्रा ने उन्हें भारतीय बैटिंग लाइनअप का न केवल आधार बनाया, बल्कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी अद्वितीय पहचान दिलाई। इन दोनों खिलाड़ियों की जीवन यात्रा पर एक नजदीकी दृष्टिकोण देते हुए, भारतीय क्रिकेटर अमित मिश्रा ने उनके साथ अपने रिश्तों और वक्त के साथ उनकी स्वभाव में आए बदलावों पर अपने विचार साझा किए।

अमित मिश्रा और रोहित शर्मा की दोस्ती

अमित मिश्रा ने रोहित शर्मा के साथ अपने लंबे और स्थिर दोस्ती का वर्णन किया। रोहित के करियर के शुरुआती दिनों से लेकर अब तक, उनकी दोस्ती में कोई कमी नहीं आई। मिश्रा ने बताया कि रोहित वही इंसान है जैसा वह पहले दिन था। उसकी स्वभाव में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है, चाहे वह क्रिकेट के मैदान पर हो या उसके बाहर। मिश्रा ने यह भी कहा कि रोहित के साथ मजाक और बातों का सिलसिला आज भी वैसा ही है, जैसा पहले था। यह दोस्ती न केवल मैदान पर, बल्कि व्यक्तिगत जीवन में भी अटूट और अद्वितीय है।

रोहित शर्मा ने आईपीएल में पांच बार खिताब जीतकर अपनी कप्तानी को सिद्ध किया है, लेकिन इस सफलता और बड़ी उपलब्धियों के बावजूद, उसकी विनम्रता और जमीन से जुड़े रहना उसकी सबसे बड़ी ताकत है। मिश्रा ने कहा कि रोहित का सरल और सहज स्वभाव उसे और भी महान बनाता है।

विराट कोहली के साथ बदलते रिश्ते

इसके विपरीत, विराट कोहली के साथ अमित मिश्रा के रिश्ते समय के साथ बदलते गए। जहां शुरू में उनकी बातचीत और मेलजोल अधिक था, लेकिन समय के साथ इसमें कमी आई। मिश्रा ने कहा कि विराट की शोहरत और नेतृत्व की जिम्मेदारियों ने शायद उसकी स्वभाव में इस बदलाव को लाया हो।

मिश्रा ने बताया कि विराट कोहली के कप्तान बनने के बाद उनके बीच की बातचीत लगभग बंद हो गई। उन्होंने महसूस किया कि विराट की सोच में बड़ा बदलाव आया है और उसकी तरक्की के बाद लोगों के साथ उसके रिश्तों में भी फर्क आया है। गरीमा और पॉवर का बढ़ना किसी व्यक्ति की मानसिकता को कितना बदल सकता है, यह विराट के उदाहरण से स्पष्ट होता है।

मिश्रा ने इस बात पर जोर दिया कि विराट अब भी उनके प्रति सम्मानजनक है, लेकिन वह पहले की तरह नहीं है। वह काफी दूरी बनाए हुए है, और पहले जैसे नियमित बातचीत का वह सिलसिला खत्म हो गया है।

युवराज सिंह ने भी बताई थी ऐसी ही बातें

यह पहली बार नहीं है जब किसी क्रिकेटर ने विराट कोहली के स्वभाव में बदलाव की बात कही है। पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह ने भी इसी प्रकार की बातें कहीं थीं। युवराज ने कहा था कि विराट के स्टारडम के बाद उनका और विराट का रिश्ता वैसा नहीं रहा जैसा पहले था। शोहरत और जिम्मेदारियों ने कहीं न कहीं विराट के व्यक्तिगत संबंधों को प्रभावित किया है।

फेम और पॉवर का असर

मिश्रा ने यह भी बताया कि कैसे शोहरत और सत्ता किसी व्यक्ति की मानसिकता को बदल सकती है। उन्होंने कहा कि विराट ने अपने करियर की शुरुआत 'चीकू' के नाम से की थी, जो आज विराट कोहली के रूप में एक दिग्गज क्रिकेटर बन चुका है। मिश्रा ने कहा कि उन्होंने विराट को 14 साल की उम्र से जाना है, और आज उसके स्वभाव में जो बदलाव आए हैं वह शायद उसकी तरक्की और शोहरत के कारण हैं।

मिश्रा ने एक महत्वपूर्ण बात साझा करते हुए कहा कि कैसे एक इंसान की सफलता उसकी सोच और व्यवहार को प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि जब कोई व्यक्ति ऊंचाईयों पर पहुंचता है, तो उसके आसपास के लोग और रिश्ते भी प्रभावित होते हैं। कोहली की कप्तानी और उनकी सफलता ने न केवल भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाईयों पर पहुंचाया, बल्कि उनके व्यक्तिगत रिश्तों को भी प्रभावित किया है।

आखिरी शब्द

अमित मिश्रा के इस बयान ने यह स्पष्ट किया है कि शोहरत और पॉवर कैसे एक इंसान के स्वभाव और व्यक्तित्व को बदल सकते हैं। विराट कोहली और रोहित शर्मा, दोनों ही अद्वितीय खिलाड़ी हैं, लेकिन उनके स्वभाव में जो अंतर है, वह उनके जीवन के विभिन्न अनुभवों और जिम्मेदारियों का नतीजा है। जहां एक तरफ रोहित ने अपनी जमीन से जुड़े रहना चुना, वहीं विराट की सफलता और जिम्मेदारियों ने उसके स्वभाव में खासा बदलाव लाया है।

भारतीय क्रिकेट के इन दो ध्रुवों के जीवन और स्वभाव की इस कहानी ने न केवल क्रिकेट प्रेमियों को बल्कि आम दर्शकों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कैसे शोहरत और सत्ता एक इंसान के स्वभाव को बदल सकती है।

टिप्पणि

  • shweta zingade
    shweta zingade

    ये सब सुनकर दिल भर गया। रोहित जैसे इंसान आजकल दुर्लभ हैं। शोहरत में भी अपनी जड़ें नहीं भूलना चाहिए। विराट को भी बहुत प्यार करती हूँ, लेकिन ये बदलाव देखकर लगता है जैसे कोई अपने आप को खो बैठा हो।

  • Pooja Nagraj
    Pooja Nagraj

    इस विश्लेषण में एक गहरी दार्शनिक आधार छिपा हुआ है - शक्ति का अधिकार व्यक्तित्व के साथ एक असंगति पैदा करता है, जो मानवीय अस्तित्व के अंतर्निहित संघर्ष को प्रतिबिंबित करता है। विराट का व्यक्तित्व अब एक सामाजिक निर्माण है, न कि एक वास्तविकता।

  • Anuja Kadam
    Anuja Kadam

    yaar yeh sab kuchh sunke lagta hai ki koi bhi star banne ke baad apne dost se door ho jata hai... bas vohi baat hai. koi bhi nahi hai jo apne aap ko nahi badalaye... ye sab bhaiya koi nahi hai jo apne dost ko bhool jaaye.

  • Pradeep Yellumahanti
    Pradeep Yellumahanti

    रोहित के बारे में बात कर रहे हो, तो वो तो अपने आप में एक अपवाद है। विराट के बारे में बात करो तो ये सब लोग उसे बदल गया कहते हैं, लेकिन क्या उसकी जिम्मेदारी ने उसे बदला या बस लोगों की उम्मीदें बदल गईं? अगर वो अब बोलता है तो वो अपनी टीम के लिए है, न कि तुम्हारे लिए।

  • Shalini Thakrar
    Shalini Thakrar

    इस सामाजिक डायनामिक्स में, शोहरत एक अलग लेयर के एक्सिस को एक्टिवेट कर देती है - एक एक्सप्लोरेशन ऑफ़ सेल्फ-प्रोजेक्शन। विराट का ट्रांसफॉर्मेशन एक लार्ज-स्केल फेम फैक्टर का परिणाम है, जिसमें इंटीमेसी का ब्लॉक हो जाता है। रोहित तो एक एंटीथेसिस है - अपने एक्सिस को डिफेंड करते हुए भी अपनी ह्यूमैनिटी को कंजर्व करता है।

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