जब रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने अक्टूबर 2025 के आधिकारिक कैलेंडर में 21 बंद दिन घोषित किए, तो देश भर में ग्राहकों को अपनी लेन‑देनों की योजना पहले से बनानी पड़ेगी। यह घोषणा बैंकबाज़ार, हड़फ़सी बैंक और क्लियरटैक्स जैसी प्रमुख वित्तीय प्लेटफ़ॉर्मों ने दोहराई। कुल 21 दिनों में रविवार, दूसरे व चौथे शनिवार के साथ कई राष्ट्रीय‑राज्य स्तर के त्यौहार भी शामिल हैं, जिससे एटीएम चलती‑फिरती रहती हैं लेकिन शाखा सेवाएँ स्थगित रहती हैं।
नीचे उन तिथियों की पूरी सूची है जो इस महीने में सभी बैंकों के लिए बंद रहने की पुष्टि करती हैं:
ध्यान दें, कुछ राज्यों में दीवाली का त्यौहार दो‑तीन दिन तक फैला रहता है, इसलिए उनका बंद‑काल अलग‑अलग दिखता है।
आरबीआई का नियम स्पष्ट करता है: हर महीने के सभी रविवार, दूसरा और चौथा शनिवार बैंकों के लिए अनिवार्य अवकाश होते हैं। इसके अलावा, केंद्र एवं राज्य सरकारें गज़ेटेड सार्वजनिक छुट्टियों को घोषित करती हैं, जिनमें राष्ट्रीय अवकाश (जैसे गांधी जयंती) और धार्मिक पर्व (जैसे दीवाली) शामिल हैं। इस साल हड़फ़सी बैंक ने अपने शाखा‑स्तर के कैलेंडर में ये सभी तिथियाँ स्पष्ट कीं, जबकि जागरन जॉश ने कुल 21 छुट्टियों की गणना की।
राज्य‑विशिष्ट अंतर इस कारण से है कि कई हिन्दू त्यौहार चंद्र कैलेंडर पर आधारित होते हैं; नई चंद्रमा या पूर्णिमा के अनुसार गृहस्थी में अलग‑अलग समय पर पूजा‑पाठ होते हैं। इसलिए, गुजरात में विक्रम सम्वत नववर्ष दीवाली के साथ जुड़ गया, जबकि केरल ने आधिकारिक रूप से 20 अक्टूबर को ही दीवाली मनाई।
बैंक शाखाओं का बंद रहना मोबाइल‑बैंकिंग या एटीएम को नहीं रोकता, परंतु NEFT, RTGS और IMPS जैसी इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफ़र प्रणाली अक्सर इन छुट्टियों में रोक लगाते हैं। इस कारण कई लोग भुगतान ‑ भुगतान, लोन रीपेमेंट या निवेश ‑ में देरी का सामना कर सकते हैं।
वित्तीय विश्लेषक रवींद्र सावंत ने कहा, “यदि आप महीने के मध्य में बड़े लेन‑देनों की योजना बनाते हैं, तो छुट्टियों के बाद की तिथि को ध्यान में रखें, अन्यथा आपके अकाउंट में ओवरड्राफ़्ट या लेट फीस लग सकती है।”
ऐसे में, बैंकों की आधिकारिक वेबसाइट या मोबाइल एप पर ‘छुट्टी घोषणा’ सेक्शन को नियमित रूप से देखें, तथा विशेष रूप से 1‑2 हफ़्ट पहले आवश्यक ट्रांसफ़र प्लान कर लें। कुछ राज्य में एटीएम पर नकद निकासी होती है, परंतु बड़ी राशि निकालते समय शाखा‑द्वारा वैलिडेशन की आवश्यकता पड़ सकती है।
आरबीआई की नई दिशा के अनुसार, 2026 में भी समान ढाँचा बना रहेगा, लेकिन डिजिटल लेन‑देनों को निरंतर बढ़ावा देने की योजना है। इसका अर्थ यह हो सकता है कि भविष्य में कुछ नियत‑छुट्टियों में भी ऑनलाइन ट्रांसफ़र तुरंत न हों, परन्तु मोबाइल‑बैंकिंग के माध्यम से बैलेंस‑चेक, स्टेटमेंट डाउनलोड या छोटे‑मोटे पेमेंट जारी रहेंगे।
अनुशंसा यह है कि ग्राहक अपनी वित्तीय कैलेंडर को इस साल के ‘बैंक छुट्टी’ कैलेंडर के साथ सिंक्रनाइज़ करके रख लें। यह न सिर्फ अनावश्यक देरियों को बचाएगा, बल्कि मौसमी खर्चों (जैसे दिवाली के शॉपिंग) को भी बेहतर तरीके से प्रबंधित करने में मदद करेगा।
आरबीआई की नियमन के अनुसार, सभी बैंकों को रविवार, दूसरा व चौथा शनिवार तथा गज़ेटेड अवकाश पर NEFT‑RTGS जैसी क्लियरिंग सिस्टम को बंद रखना आवश्यक है। इस दौरान एटीएम जारी रहता है, परन्तु बैंक‑केंद्रित लेन‑देनों में विराम आता है।
नहीं। दीवाली का दिन चंद्र कैलेंडर पर तय होता है और राज्य‑वार अलग‑अलग हो सकता है। 2025 में केरल में 20 अक्टूबर, दक्षिण‑पूर्व में 21 अक्टूबर और कई उत्तरी राज्यों में 22 अक्टूबर को मनाया गया।
बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, दमन‑दीव और दादरा‑नगर हवेली में 27‑28 अक्टूबर को छठ पूजा के कारण सभी शाखाएँ बंद रहेंगी। एटीएम और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म सामान्य रूप से चलेंगे, परंतु खातों में बड़े ट्रांसफ़र में देरी हो सकती है।
गुजरात में 22 अक्टूबर को गवर्डन पूजा के साथ-साथ विक्रम सम्वत का नववर्ष भी आता है। यह दो अलग‑अलग धार्मिक कैलेंडर का मिलन है, जिससे राज्य‑स्तर पर दोनों त्यौहारों के लिये एक ही छुट्टी घोषित की गई।
छुट्टियों से एक‑दो दिन पहले आवश्यक लेन‑देनों को पहले ही कर लें। साथ ही, बैंक की मोबाइल एप पर ‘छुट्टी सूचना’ को फॉलो करें और यदि संभव हो तो ऑटो‑भुगतान सेट कर रखें।
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Gursharn Bhatti
समय के साथ पैसा भी अपना स्वरूप बदलता है, और बैंक की छुट्टियों को देखकर मैं सोचता हूँ कि ये सब सिर्फ़ एक बड़ा खेल है। हर बार जब सरकार कोई अवकाश घोषित करती है, तो वह वास्तव में लेन‑देनों को रोकने की चाल चलती है। इस महीने के 21 बंद दिवसों में, एटीएम की लगातार कामकाज का जाल टुट जाता है। इस तरह की योजना से आम जनता को अनावश्यक देरी का सामना करना पड़ता है। अगर हम इस पैटर्न को समझ लें तो भविष्य में भी अपने वित्तीय कदम सही रख सकते हैं।