देश की आर्थिक दिशा और विकास की संभावनाओं को तय करने में संघीय बजट का एक अहम रोल होता है। वित्त वर्ष 2025 के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश होने वाला बजट इस दिशा में भारतीय जनता के लिए कुछ नए संशोधनों और योजनाओं का प्रस्ताव लेकर आ सकता है। इस बार का बजट विशेष रूप से उच्च मुद्रास्फीति और अनुपयुक्त वेतन वृद्धि का सामना कर रहे मध्यम वर्ग के लिए राहत के उपायों को ध्यान में रख सकता है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि वित्त वर्ष 2025 के बजट में उपलब्ध कराए जाने वाली कर छूट और वृद्धि विशेष रूप से मध्यम वर्ग के लोगों के लिए मददगार साबित हो सकती है। आयकर स्लैब्स में बदलाव, मानक कटौती में वृद्धि और 87A छूट में वृद्धि की संभावना है। इससे नागरिकों की खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी, जिससे अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा।
इसके अलावा, पिछली बार पेश किए गए बजट में कुछ महत्वपूर्ण कर उपायों जैसे एंजल टैक्स का उन्मूलन, गैर-परिवर्तनीय संपत्ति पर अनुक्रमण लाभ का समापन और पूंजीगत लाभ कर दरों में बदलाव जैसे कदम उठाए गए थे। साथ ही, मानक कटौती को ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000 किया गया था और पेंशन धारकों के लिए फैमिली पेंशन पर कटौती को ₹15,000 से बढ़ाकर ₹25,000 कर दिया गया था।
वर्तमान आर्थिक स्थिति को देखते हुए, विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार नागरिकों के हाथों में अधिक डिस्पोजेबल आय बढ़ाने पर जोर दे सकती है। यह न केवल उपभोक्ता व्यय को बढ़ाएगा बल्कि बाजार में अधिक निवेश को भी बढ़ावा देगा। इसके लिए, विभिन्न प्रकार के कर छूटों, नौकरी निर्माण के लिए प्रोत्साहन और न्यू पेंशन योजना में योगदान को बढ़ावा देने जैसे उपायों का आश्रय लिया जा सकता है।
आगामी बजट में कस्टम शुल्क में भी कुछ बदलावों की घोषणा की जा सकती है, जिससे आयातित वस्तुओं पर निर्भरता को कम करके घरेलू उत्पादन में प्रोत्साहन मिलेगा। कुछ वस्तुओं पर शुल्क घटाए जाने की संभावना है, जैसे कि मोबाइल फोन्स, कैंसर दवाएं, और कुछ खनिज। जबकि टेलीकॉम उपकरण और प्लास्टिक उत्पादों पर शुल्क बढ़ाया जा सकता है। इन मदों में होने वाले बदलावों से घरेलू उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ सकती है।
बजट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा 'बजट एक नजर में' दस्तावेज होता है, जो कि सरकार की वित्तीय योजनाओं का सार प्रस्तुत करता है। यह दस्तावेज राजस्व और व्यय की प्रमुख जानकारियों को उजागर करेगा। खासतौर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आवंटन को लेकर।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले इतिहास के इस आठवें बजट में, आर्थिक सर्वेक्षण के उपरांत अनेक सार-संक्षेप और प्रमुख नीतिगत घोषणाएं की जाएंगी, जिनमें कर सुधार, व्यापार के लिए प्रोत्साहन, बुनियादी ढांचे का विकास और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश भी शामिल होगा। यह बजट न केवल वर्तमान चुनौतियों का समाधान करेगा बल्कि एक आत्मनिर्भर और सुदृढ़ भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
© 2025. सर्वाधिकार सुरक्षित|
एक टिप्पणी लिखें