Supreme Court on NEET-UG 2024: सोशल मीडिया के जरिए पेपर लीक हुआ तो फिर से होगी परीक्षा

Supreme Court on NEET-UG 2024: सोशल मीडिया के जरिए पेपर लीक हुआ तो फिर से होगी परीक्षा

NEET-UG 2024 परीक्षा पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला

देश की सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सकीय प्रवेश परीक्षा, NEET-UG 2024, के कथित पेपर लीक मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गंभीर चर्चा चल रही है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले में 38 याचिकाएँ सुनी हैं, जिनमें यह आरोप लगाया गया है कि पेपर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे टेलीग्राम और व्हाट्सएप के जरिए लीक हुआ था। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अगर पेपर लीक की वजह से परीक्षा की पवित्रता प्रभावित होती है, तो पुनः परीक्षा कराई जाएगी।

पेपर लीक ने उठाए परीक्षा की अखंडता पर सवाल

पेपर लीक की खबरें सामने आने पर छात्रों और अभिभावकों के बीच हड़कंप मच गया। यह घटना विद्यार्थियों की मेहनत और भविष्य से जुड़ी हुआ भारी धोखा मानी जा रही है। अदालत ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को जांच का जिम्मा सौंपा और बुधवार तक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को भी सभी पूछे गए प्रश्नों के जवाब देने का आदेश दिया है।

एनटीए और सरकार की कार्यवाही पर सवाल

कोर्ट ने इस मामले में NTA और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर भी प्रश्नचिह्न लगाया है। कोर्ट ने पूछा कि इस तरह की संवेदनशील परीक्षा में पेपर लीक होने के बाद क्या कदम उठाए गए हैं और इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं। इसके जवाब में NTA ने कहा कि परीक्षा को निरस्त करना उलटा होगा और इससे ईमानदार उम्मीदवारों के भविष्य पर गहरा असर पड़ेगा।

ईमानदार उम्मीदवारों के भविष्य पर संकट

ईमानदार उम्मीदवारों के भविष्य पर संकट

NTA ने अदालत को अवगत कराया कि परीक्षा को निरस्त करना ईमानदार उम्मीदवारों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। उनका कहना है कि कठोर मेहनत करने वाले विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया जाना चाहिए। लेकिन अदालत ने यह भी माना कि अगर परीक्षा को लीक के प्रभाव में संपन्न रहने दिया गया, तो इससे कुल परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर असर पड़ेगा।

पुनः परीक्षा की संभावना

इस विवादित मामले में पुनः परीक्षा की संभावना भी बहुत अधिक है। अदालत में तर्क दिए जा रहे हैं कि परीक्षा की पवित्रता को बनाए रखने के लिए पुनः परीक्षा कराना आवश्यक है। परीक्षा लीक के बाद जो छात्र इससे प्रभावित हुए हैं, उनकी तरफ से भी अदालत में कई आवाजें उठाई जा रही हैं।

आगे की राह

आगे की राह

अदालत में इस मामले की सुनवाई जारी रहेगी और बृहस्पतिवार को इस मामले में आगे की कार्यवाही की जाएगी। आगामी सुनवाई में CBI की स्थिति रिपोर्ट और NTA के जवाबों को ध्यान में रखते हुए अदालत निर्णय लेगी कि क्या परीक्षा को निरस्त कर पुनः परीक्षा करानी होगी या नहीं।

इस मामले ने शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ी चुनौती उत्पन्न की है। यह देखना दिलचस्प होगा कि अदालत इस कठिनाई का समाधान कैसे निकालती है और विद्यार्थियों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।

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