सीबीएसई सीटीईटी जुलाई 2024: अस्थायी उत्तर कुंजी जारी, ctet.nic.in पर आपत्तियाँ उठाएं

सीबीएसई सीटीईटी जुलाई 2024: अस्थायी उत्तर कुंजी जारी, ctet.nic.in पर आपत्तियाँ उठाएं

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) जुलाई 2024 के लिए अस्थायी उत्तर कुंजी जारी कर दी है। यह उत्तर कुंजी अब आधिकारिक सीटीईटी वेबसाइट ctet.nic.in पर उपलब्ध है। जिन उम्मीदवारों ने इस परीक्षा में भाग लिया है, वे अपनी उत्तर कुंजी की समीक्षा कर सकते हैं और यदि उन्हें किसी प्रश्न या उत्तर पर कोई आपत्ति हो, तो वे आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।

उम्मीदवारों को प्रत्येक प्रश्न के लिए एक गैर-वापसी योग्य शुल्क के साथ आपत्ति जमा करनी होगी। यह शुल्क क्रेडिट/डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग के माध्यम से जमा किया जा सकता है। सीटीईटी जुलाई 2024 परीक्षा 7 जुलाई को देश भर के 136 शहरों में आयोजित हुई थी। इस दिन परीक्षा दो चरणों में हुई थी: सुबह 9:30 बजे से 12 बजे तक पेपर 2 और दोपहर 2 बजे से शाम 4:30 बजे तक पेपर 1।

उत्तर कुंजी की समीक्षा और आपत्तियां

अस्थायी उत्तर कुंजी की रिलीज के साथ, सीबीएसई ने परिणाम की अंतिम घोषणा की दिशा में पहला कदम उठा लिया है। उम्मीदवार अपने रोल नंबर और जन्मतिथि का उपयोग करके उत्तर कुंजी की जांच कर सकते हैं। यदि किसी को उत्तरकर्ता उत्तर में कोई त्रुटि नजर आती है, तो वे इसे चैलेंज कर सकते हैं।

आपत्ति उठाने की प्रक्रिया काफी सरल है। सबसे पहले, उम्मीदवारों को अपना यूजर आईडी और पासवर्ड के साथ लॉगिन करना होगा। इसके बाद, वे उस प्रश्न का चयन कर सकते हैं जिस पर उन्हें आपत्ति है। इसके लिए उचित डोक्यूमेंटेशन और प्रमाण देना होगा, जिससे साबित हो सके कि उत्तर गलत है।

महत्वपूर्ण तिथियां और प्रक्रियाएँ

उत्तर कुंजी जारी होने के साथ, उम्मीदवारों को इसे ध्यान से देखने और जहां आवश्यक हो, सही समय पर आपत्ति उठाने की सलाह दी जाती है। आपत्तियों को एक नियत समय सीमा में दर्ज करना होगा, जिसके बाद कोई नई आपत्ति स्वीकार नहीं की जाएगी। उत्तर कुंजी को चुनौती देने के लिए निर्धारित शुल्क भी अग्रिम में जमा करना होता है और यह शुल्क वापस नहीं किया जाएगा।

ये पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता और सही उत्तरों की गारंटी के लिए है। सीबीएसई, प्रत्येक आपत्ति की विस्तृत समीक्षा करेगा और फिर आवश्यकतानुसार अंतिम उत्तर कुंजी जारी करेगा। अंतिम उत्तर कुंजी के आधार पर ही परिणाम की घोषणा की जाएगी।

सीटीईटी परीक्षा का महत्व

केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा हर साल लाखों उम्मीदवारों द्वारा दी जाती है, जो स्कूलों में शिक्षक पद के लिए पात्रता प्राप्त करना चाहते हैं। यह परीक्षा शिक्षकों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। सीटीईटी स्कोर वे उम्मीदवार प्राप्त करते हैं, जो सरकारी और केंद्रीय विद्यालयों में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षक पदों के लिए आवेदन करते हैं।

यह परीक्षा दो स्तरों पर आयोजित होती है - पेपर 1 उन उम्मीदवारों के लिए है जो कक्षा 1 से 5 तक के शिक्षक बनना चाहते हैं, जबकि पेपर 2 कक्षा 6 से 8 तक के शिक्षक पदों के लिए है। इस वर्ष भी बड़ी संख्या में उम्मीदवार इस परीक्षा में सम्मिलित हुए, और अब परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

उम्मीदवारों के लिए सुझाव

वे उम्मीदवार, जिन्होंने इस परीक्षा में भाग लिया है, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे आधिकारिक वेबसाइट ctet.nic.in पर जाकर समय-समय पर नई जानकारी की तलाश करें। उत्तर कुंजी की समीक्षा के दौरान ध्यानपूर्वक सभी उत्तरों को जांचें और जहाँ भी संदेह हो, बिना देरी के आपत्ति उठाएं। यह भी ध्यान रखना ज़रूरी है कि सीटीईटी का स्कोर विभिन्न शिक्षण पदों के लिए आवेदन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए, उत्तर कुंजी की समीक्षा, और आवश्यकतानुसार आपत्तियां उठाना, आपकी फाइनल स्कोर में सुधार कर सकता है।

आपत्ति उठाने की प्रक्रिया के दौरान सभी निर्देशों का पालन करें और आवश्यक दस्तावेज जमा करें। किसी सवाल पर आपत्ति उठाते समय, कृपया सुनिश्चित करें कि आपके द्वारा दी गई जानकारी, प्रमाण और दस्तावेज सटीक और प्रामाणिक हों, क्योंकि सीबीएसई द्वारा प्रत्येक आपत्ति का गहनता से परीक्षण किया जाएगा।

संक्षेप में

सीबीएसई द्वारा सीटीईटी जुलाई 2024 की अस्थायी उत्तर कुंजी जारी करने से उम्मीदवारों को अपने प्रदर्शन की समीक्षा करने और आवश्यक सुधार के लिए आपत्ति उठाने का एक सुनहरा अवसर मिला है। यह पारदर्शिता उम्मीदवारों के भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। सभी उम्मीदवारों को जल्द से जल्द अपनी उत्तर कुंजी की जांच करने, और जहां अवश्यक हो, आपत्ति दर्ज कराने हेतु प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि अंतिम परिणाम में किसी भी प्रकार की त्रुटि ना हो।

टिप्पणि

  • pk McVicker
    pk McVicker

    अस्थायी उत्तर कुंजी जारी कर दी, अब शुल्क वसूलने का चक्कर शुरू।

  • Srinath Mittapelli
    Srinath Mittapelli

    इस तरह की प्रक्रिया तो बस एक बड़ा फास्ट-फूड सिस्टम लगती है। आपत्ति दर्ज करने के लिए पैसे देने पड़ते हैं, फिर भी ज्यादातर आपत्तियां अनदेखी हो जाती हैं। बोर्ड का ये तरीका न्याय की बजाय बजट बढ़ाने का तरीका लगता है।

    मैंने पिछले साल भी ऐसा ही किया था - 3 आपत्तियां दीं, दो के लिए प्रमाण भी जमा किए, लेकिन कुछ नहीं बदला। अब तो मैं सिर्फ इंतजार करता हूं।

    ये सब तो बस एक धोखा है कि हम लोग इसमें शामिल हो रहे हैं। असल में कोई भी बदलाव नहीं होता।

    शिक्षक बनने के लिए इतना झंझट क्यों? अगर आप अच्छे शिक्षक बनना चाहते हैं, तो ये परीक्षाएं आपको वहां नहीं पहुंचातीं।

    हम यहां बस एक बड़े ब्यूरोक्रेटिक मशीन के गियर बन गए हैं।

    क्या कोई जानता है कि ये पैसे कहां जाते हैं? क्या इनमें से कुछ शिक्षकों की तैयारी के लिए इस्तेमाल होता है? नहीं।

    ये पैसे तो सिर्फ एक नए सर्वर खरीदने या एक नए लोगो के लिए जाते हैं।

    मैं एक शिक्षक बनना चाहता हूं, लेकिन इस रास्ते पर चलकर मैं खुद को बहुत निराश होता हूं।

    अगर आप अच्छे शिक्षक बनना चाहते हैं, तो इस परीक्षा के बाहर भी आप कर सकते हैं।

    मैंने अपने गांव में बच्चों को निःशुल्क पढ़ाया - कोई टीईटी नहीं, कोई आपत्ति नहीं, सिर्फ दिल की बात।

    इस प्रणाली को तोड़ने की जरूरत है।

    हमें अपने बच्चों के लिए अच्छे शिक्षक चाहिए, न कि एक नियमित परीक्षा में अच्छा नंबर लाने वाले लोग।

  • Pradeep Yellumahanti
    Pradeep Yellumahanti

    अस्थायी उत्तर कुंजी के बाद आपत्ति देने का शुल्क लगाना - ये तो बस बोर्ड का एक नया बिजनेस मॉडल लगता है।

  • Shalini Thakrar
    Shalini Thakrar

    इस प्रक्रिया में एक गहरी शिक्षाविद्यात्मक नीति छिपी हुई है - जिसमें पारदर्शिता के नाम पर एक व्यवस्थित नियंत्रण का तंत्र बनाया गया है। आपत्ति दर्ज करने के लिए शुल्क लगाने से यह बताया जा रहा है कि ‘आपका आपत्ति देने का अधिकार’ एक संपत्ति है, न कि एक मौलिक अधिकार।

    यह एक अत्यधिक ब्यूरोक्रेटिक अभियान है जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता के बजाय शिक्षा के नियमन की गहराई को बढ़ाया जा रहा है।

    क्या कोई जानता है कि इस शुल्क से जुड़े फंड का उपयोग कहाँ हो रहा है? क्या इसका कोई लेखापरीक्षण होता है?

    यह एक विश्वसनीय प्रणाली नहीं, बल्कि एक नियंत्रित असमानता का निर्माण है।

    हम शिक्षकों को यह नहीं सिखाते कि वे जांच करें, विश्लेषण करें, और तर्क दें - बल्कि उन्हें एक अस्थायी उत्तर कुंजी के आधार पर शुल्क देकर आपत्ति दर्ज करने के लिए बाध्य कर रहे हैं।

    यह तो शिक्षा के बजाय एक न्यायिक व्यापार है।

    अगर आप एक शिक्षक हैं जो सच्चाई की खोज करता है, तो आप इस प्रणाली को चुनौती दें - लेकिन इसके लिए आपको पहले एक प्रोफेशनल अकाउंट खोलना होगा और एक बैंक लिंक करना होगा।

    हमारी शिक्षा प्रणाली अब एक बैंकिंग एप्लीकेशन बन गई है।

    क्या आपने कभी सोचा है कि यह सब अंततः किसके लिए है?

    हम नहीं बन रहे हैं - हम बनाए जा रहे हैं।

  • Ravi Kant
    Ravi Kant

    अगर आपत्ति देने के लिए पैसे लगते हैं, तो ये प्रणाली न्याय के बजाय बाजार की तरह है।

  • Vineet Tripathi
    Vineet Tripathi

    कल रात एक दोस्त ने बताया कि उसकी आपत्ति 15 दिन में रिजेक्ट हो गई। प्रमाण भी भेजे थे।

    अब तो बस इंतजार कर रहा हूं। ये सब बस एक फॉर्मलिटी है।

    कोई नहीं बदलता।

    पर फिर भी आपत्ति देनी पड़ती है - नहीं तो लोग कहेंगे तुमने तो कोशिश ही नहीं की।

  • Abhishek Rathore
    Abhishek Rathore

    मैंने इस साल टीईटी दी थी और आपत्ति भी दी थी।

    कुछ प्रश्नों पर आपत्ति देने के बाद मुझे लगा कि शायद अंक बढ़ जाएंगे।

    लेकिन जब परिणाम आया, तो वो प्रश्न अभी भी गलत थे।

    मैंने अपना शुल्क वापस नहीं पाया।

    लेकिन फिर भी, अगर मैंने आपत्ति नहीं दी होती, तो शायद मेरा स्कोर और कम हो जाता।

    ये एक बेकार का खेल है, लेकिन खेलना पड़ता है।

  • Jaya Bras
    Jaya Bras

    अस्थायी उत्तर कुंजी? बस एक और बार लोगों को धोखा देने का तरीका।

  • Rupesh Sharma
    Rupesh Sharma

    अगर आप शिक्षक बनना चाहते हैं, तो ये आपत्ति देने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि बच्चों के साथ बैठकर सीखना जरूरी है।

    मैंने अपने गांव में बच्चों को निःशुल्क पढ़ाया। कोई टीईटी नहीं। कोई आपत्ति नहीं।

    लेकिन बच्चों ने सीखा।

    क्या ये बोर्ड जानता है कि असली शिक्षा कहां होती है?

    हम बस एक फॉर्मलिटी के लिए इस परीक्षा को दे रहे हैं।

    अगर आप अच्छे शिक्षक बनना चाहते हैं, तो ये आपत्ति नहीं, बल्कि बच्चों की आवाज सुनना सीखिए।

    मैंने एक बच्चे को लिखना सिखाया - उसने अपनी माँ के लिए पहला पत्र लिखा।

    उसकी आँखों में चमक थी।

    क्या ये बोर्ड ने कभी ऐसी चमक देखी है?

    ये सब आपत्तियां और शुल्क बस एक दिखावा है।

    असली शिक्षा तो घरों में, गांवों में, बच्चों के दिलों में होती है।

  • Shivam Singh
    Shivam Singh

    पिछले साल भी मैंने आपत्ति दी थी - 3 प्रश्न पर। प्रमाण भी भेजे थे।

    कुछ नहीं बदला।

    अब तो मैं बस इंतजार कर रहा हूं।

    ये सब बस एक धोखा है।

  • Harsha kumar Geddada
    Harsha kumar Geddada

    ये आपत्ति प्रक्रिया एक विशिष्ट शिक्षाविद्यात्मक दर्शन का प्रतिनिधित्व करती है - जिसमें ज्ञान का अधिकार एक ब्यूरोक्रेटिक अधिकार बन गया है।

    हम जिस तरह से शिक्षा को परिभाषित कर रहे हैं, वह एक नियंत्रित ज्ञान की प्रणाली है।

    जब आप एक प्रश्न के उत्तर को चुनौती देने के लिए शुल्क देते हैं, तो आप यह मान रहे हैं कि आपका ज्ञान एक व्यावसायिक वस्तु है।

    यह एक अत्यधिक व्यवस्थित असमानता है।

    जिनके पास पैसा है, वे आपत्ति दे सकते हैं।

    जिनके पास नहीं है, वे बस अपने अंकों को स्वीकार कर लेते हैं।

    यह शिक्षा के नाम पर एक वर्ग आधारित नियंत्रण है।

    हमारी शिक्षा प्रणाली अब एक न्यायिक बाजार बन गई है।

    हम बच्चों को नहीं सिखा रहे - हम उन्हें एक बाजार में बेच रहे हैं।

    अगर आप एक शिक्षक हैं, तो आपको यह जानना चाहिए कि आप एक नियंत्रित ज्ञान के वाहक हैं।

    और अगर आप इस नियंत्रण को चुनौती देना चाहते हैं, तो आपको पहले एक बैंक अकाउंट खोलना होगा।

    ये तो बस एक बड़ा फास्ट-फूड शिक्षा सिस्टम है।

  • Vijay Kumar
    Vijay Kumar

    आपत्ति देने के लिए पैसे देना? ये तो बस एक बड़ा ठगी है।

  • sachin gupta
    sachin gupta

    क्या आपने कभी सोचा है कि ये शुल्क वास्तव में किसके लिए है?

    ये शुल्क बोर्ड के लिए नहीं - ये तो उन लोगों के लिए है जो इस प्रणाली को बनाए रखते हैं।

    एक बार आप इस शुल्क को दे देते हैं, तो आप इस प्रणाली का हिस्सा बन जाते हैं।

    और फिर आप उसी प्रणाली के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश करते हैं।

    ये तो एक बड़ा साइकोलॉजिकल ट्रैप है।

    हम खुद को इस नियम के अंदर बंद कर लेते हैं।

    और फिर हम उसी नियम के खिलाफ बहस करते हैं।

    ये तो बस एक बड़ा बुद्धिमानी का खेल है।

  • Dipak Moryani
    Dipak Moryani

    क्या आपने कभी देखा है कि आपत्ति देने के बाद कितने प्रश्न बदलते हैं?

    मैंने पिछले साल देखा - बस 2%।

    शुल्क तो 100% जाता है।

  • Laura Balparamar
    Laura Balparamar

    इस आपत्ति प्रक्रिया को बंद कर देना चाहिए।

    ये न्याय की बजाय एक ब्यूरोक्रेटिक बाधा है।

    अगर आप गलत उत्तर देते हैं, तो आपको उसके लिए शुल्क देना पड़ता है - ये तो बस एक अपराध है।

    हम शिक्षक बनने के लिए आ रहे हैं, न कि बोर्ड के लिए पैसे जमा करने के लिए।

    इस प्रणाली को बदलना जरूरी है।

  • Arun Sharma
    Arun Sharma

    अस्थायी उत्तर कुंजी की घोषणा एक आधिकारिक प्रक्रिया है, जिसे नियमित रूप से अनुपालन के लिए अनुमति दी जाती है।

    आपत्ति की प्रक्रिया एक वैध और पारदर्शी विधि है जो शिक्षा के क्षेत्र में न्याय की गारंटी देती है।

    शुल्क वसूलने का उद्देश्य प्रक्रिया के संचालन के लिए आवश्यक संसाधनों के वितरण को सुनिश्चित करना है।

    इस प्रणाली के विरुद्ध आवाज उठाने से शिक्षा की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

    हमें इस व्यवस्था का समर्थन करना चाहिए, न कि इसकी आलोचना करना।

  • Piyush Raina
    Piyush Raina

    क्या कोई जानता है कि इस आपत्ति के बाद कितने प्रश्न वास्तव में बदले हैं?

    मैंने पिछले साल देखा - बस 1.7%।

    और शुल्क तो 100% जाता है।

    ये तो बस एक बड़ा धोखा है।

  • Subham Dubey
    Subham Dubey

    ये आपत्ति प्रक्रिया एक गुप्त नियंत्रण का हिस्सा है - जिसमें बोर्ड लोगों को बाध्य करता है कि वे अपना पैसा दें और फिर उस पैसे के बदले उन्हें एक फर्जी आश्वासन दें।

    इसके पीछे एक बड़ा राजनीतिक षड्यंत्र है।

    जब आप आपत्ति देते हैं, तो आप इस नियंत्रण को स्वीकार कर रहे हैं।

    और जब आप आपत्ति नहीं देते, तो आप उस नियंत्रण का हिस्सा बन जाते हैं।

    ये तो एक बड़ा मनोवैज्ञानिक फंदा है।

    क्या कोई जानता है कि ये शुल्क किस खाते में जाता है?

    क्या इसका कोई लेखापरीक्षण होता है?

    ये तो बस एक बड़ा ब्यूरोक्रेटिक अपराध है।

  • Ravi Kant
    Ravi Kant

    अगर आपत्ति देने के लिए पैसे लगते हैं, तो ये प्रणाली न्याय के बजाय बाजार की तरह है।

  • Rajeev Ramesh
    Rajeev Ramesh

    सीबीएसई की इस प्रक्रिया का उद्देश्य पारदर्शिता और न्याय को सुनिश्चित करना है।

    आपत्ति दर्ज करने के लिए शुल्क वसूलना एक आवश्यक व्यवस्था है जो अनावश्यक आपत्तियों को रोकती है।

    इसके बिना प्रणाली अतिभारित हो जाएगी।

    हमें इस प्रक्रिया का समर्थन करना चाहिए।

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