भारत के खेल क्षेत्र में 2030 तक $130 अरब की वृद्धि का अनुमान: Google और Deloitte की रिपोर्ट

भारत के खेल क्षेत्र में 2030 तक $130 अरब की वृद्धि का अनुमान: Google और Deloitte की रिपोर्ट

भारत में खेल उद्योग का उभरता भविष्य

Google और Deloitte की एक नई रिपोर्ट 'Think Sports: Unlocking India's $130B Sports Potential' के मुताबिक, भारतीय खेल उद्योग में व्यापक वृद्धि की संभावना है। भविष्य का एक स्पष्ट विजन पेश करते हुए, रिपोर्ट ने 2030 तक इस क्षेत्र के $130 अरब तक पहुँचने की संभावना जताई है, जो भारत की वर्तमान GDP की तुलना में लगभग दोगुना है। इस अनुमानित वृद्धि दर को 14% के करीब बताया गया है, जो खेल क्षेत्र में बड़े पैमाने पर आर्थिक विस्तार की ओर संकेत करता है। ऐसे में खेल क्षेत्र न केवल आर्थिक रूप से बल्कि सामाजिक रूप से भी एक महत्वपूर्ण परिवर्तन के कगार पर खड़ा है।

सरकार और निजी क्षेत्र की भूमिका

रिपोर्ट की शुरुआत की गयी थी संघ खेल मंत्रालय के सचिव सुजाता चतुर्वेदी द्वारा, जिन्होंने इस वृद्धि के लिए खेल प्रणाली में सामूहिक प्रयास की आवश्यकता पर जोर दिया था। खेल को एक जन आंदोलन मानते हुए उन्होंने सरकार के समर्थन की जरूरत को रेखांकित किया। यह स्पष्ट है कि खेलों की संबद्ध नीति और उसके क्रियान्वयन में पारदर्शिता और सहयोग जरूरी है। सरकार के निवेश के बढ़ने से, बहु-खेल प्रशंसक संख्या में वृद्धि और डिजिटल सामग्री के फैलाव जैसी विभिन्न गतिशीलताओं के कारण इस योजना का हासिल होना संभावित है।

खेल की अर्थव्यवस्था के प्रमुख प्रेरक

इस अनुमानित वृद्धि का एक केंद्रीय तत्व खेल सामग्रियों और परिधान बाजार का दोगुना होना है, जो 2030 तक $58 अरब तक पहुंच सकता है। यह इसमें बढ़ती फिटनेस संस्कृति और विवेकाधीन खर्चों की वृद्धि से प्रेरित है। Google इंडिया की प्रबंध निदेशक, रोमा दत्ता चोबे, ने जोर देकर कहा कि 90% खेल प्रशंसक डिजिटल रूप से खेल का उपभोग कर रहे हैं। उनमें से 36% महिलाएं हैं, जो खेल में महिलाओं के बढ़ते रिश्ते को दिखाता है। इसी प्रकार Deloitte साउथ एशिया के सीईओ, रोमल शेट्टी, ने जमीनी स्तर से लेकर अभिजात्य स्तर के लिए एक स्पष्ट राह की आवश्यकता पर बल दिया है ताकि समग्र व्यवसायिक विकास हो सके।

खेल की विविधता और डिजिटल अपनापन

रिपोर्ट में खेल प्रशंसकों की विविधता का भी उल्लेख है। ग्रामीण क्षेत्रों में 59% प्रशंसक रहते हैं और महिलाओं के खेलों जैसे खो-खो और बैडमिंटन में रुचि बढ़ रही है। यह एक सांस्कृतिक और सामाजिक परिवर्तनों का संकेत है। डिजिटल एप्लिकेशनों और ऑनलाइन सामग्री के माध्यम से, प्रशंसकों का अनुभव कहीं अधिक व्यक्तिगत और सूचित बन गया है। अब प्रशंसक लाइव सामग्री के बजाए ऑन-डिमांड और छोटी सामग्री पर 20% अधिक समय व्यतीत करते हैं।

प्रौद्योगिकी और खेल का सम्मिश्रण

विशेषज्ञ पैनल चर्चा के दौरान यह देखा गया कि कैसे प्रौद्योगिकी ने भारतीय खेल उद्योग के विकास को नई गति दी है। जॉय भट्टाचार्य ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि खेल विकास में बिंदु-पद्धति का सुधार आवश्यक है। यह साझेदारी और नवाचार की आवश्यकता को रेखांकित करती है। ओलंपिक पदक विजेता मनु भाकर और पूर्व पारालंपिक कमेटी की अध्यक्ष दीपा मलिक ने भी बताया कि कैसे तकनीकी हस्तक्षेप ने खेल उद्योग में वृद्धि का समर्थन किया है।

भविष्य की दिशा

Google की रणनीति और अंतर्दृष्टि प्रमुख, सुभाषिनी गुप्ता ने निष्कर्ष निकाला कि यह रिपोर्ट सिर्फ एक संवाद की शुरुआत है और इसका लक्षित लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सभी हितधारकों से सहयोग, समर्पण और नवाचार की आवश्यकता है। यह खेल उद्योग में आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विकास के नए अवसर प्रस्तुत करता है।

टिप्पणि

  • Priyanjit Ghosh
    Priyanjit Ghosh

    ये $130 अरब का नंबर सुनकर लग रहा है जैसे कोई फेसबुक पोस्ट में 'इसे शेयर करो और 10 लाख रुपये जीतो' लिखा हो 😅

  • Kunal Mishra
    Kunal Mishra

    इस रिपोर्ट का आधार अत्यंत अस्थिर है। भारत में खेल के लिए बुनियादी ढांचे की कमी को नज़रअंदाज़ करके ऐसे अतिशयोक्तिपूर्ण अनुमान लगाना वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अस्वीकार्य है।

  • Anuj Tripathi
    Anuj Tripathi

    दोस्तों बस इतना कहूं कि जब तक हमारे गांवों में खेल के लिए खुला मैदान नहीं होगा, तब तक ये सब बातें बस एक डॉक्यूमेंटरी में दिखेंगी 😅

  • Hiru Samanto
    Hiru Samanto

    मैं तो बस यही कहना चाहता हूं कि अगर हम खेल को जन आंदोलन बना दें तो ये सब नंबर अपने आप आ जाएंगे। बस थोड़ा धैर्य रखें और बच्चों को खेलने दें 🙏

  • Divya Anish
    Divya Anish

    महिलाओं के खेलों में रुचि में वृद्धि का आंकड़ा वाकई प्रेरणादायक है। यह एक सामाजिक परिवर्तन का संकेत है, जिसे हमें अनुदान और नीतिगत समर्थन के साथ बढ़ावा देना चाहिए।

  • md najmuddin
    md najmuddin

    अच्छा हुआ कि डिजिटल एप्लिकेशन्स ने खेल को और भी ज्यादा एक्सेसिबल बना दिया। अब गांव का बच्चा भी ओलंपिक्स के फिल्म देख सकता है 😊

  • Ravi Gurung
    Ravi Gurung

    कुछ बातें सही हैं लेकिन मुझे लगता है कि ये सब बहुत जल्दी हो रहा है। जब तक शिक्षा और स्वास्थ्य नहीं ठीक होगा, खेल तो बस एक लक्जरी होगा

  • SANJAY SARKAR
    SANJAY SARKAR

    क्या ये $130 अरब में से कितना खेल अथॉरिटी के बैंक अकाउंट में जाएगा और कितना असली खिलाड़ियों को मिलेगा?

  • Ankit gurawaria
    Ankit gurawaria

    देखो दोस्तों ये जो बात हो रही है ये बस शुरुआत है जब तक हम अपने बच्चों को बस बैठकर पढ़ाई करने के लिए दबाव नहीं देंगे तब तक ये उद्योग कभी अपनी वास्तविक क्षमता नहीं दिखा पाएगा खेल तो एक जीवनशैली है न कि सिर्फ एक इवेंट जिसे हम टीवी पर देखकर अप्लॉज करते हैं और फिर भूल जाते हैं जब तक हम अपने घरों में खेल की जगह नहीं बनाएंगे तब तक ये सब बस एक फेक न्यूज़ रिपोर्ट बनी रहेगी जिसे गूगल और डिलॉइट ने बनाया है ताकि वो अपने एड्स के लिए एक बढ़िया कैम्पेन चला सकें

  • AnKur SinGh
    AnKur SinGh

    यह रिपोर्ट केवल एक अनुमान नहीं, बल्कि एक आह्वान है। हमारे देश में खेल के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण में सरकार, निजी क्षेत्र और नागरिकों का सहयोग अत्यंत आवश्यक है। यदि हम इस अवसर को सही ढंग से उठाएं, तो भारत न केवल एक खेल देश बन सकता है, बल्कि एक खेल नेता भी।

  • Sanjay Gupta
    Sanjay Gupta

    हर साल कोई न कोई रिपोर्ट आती है 'भारत $130 अरब का खेल देश बनेगा'... लेकिन हमारे खिलाड़ी अभी भी अपनी ट्रेनिंग के लिए अपनी जेब से पैसे निकालते हैं। ये सब बस एक बड़ा धोखा है।

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