अदानी ग्रुप ने हाल ही में पेनना सीमेंट्स का अधिग्रहण करने की घोषणा की है। यह सौदा 10,422 करोड़ रुपये के व्यापारिक मूल्य पर सम्पन्न हुआ है। इस अधिग्रहण से अंबुजा सीमेंट्स की कुल उत्पादन क्षमता में 14 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) की वृद्धि होगी, जिससे इसकी कुल क्षमता 89 MTPA तक पहुंच जाएगी। यह सौदा पूरी तरह से कंपनी की आंतरिक जमाखर्च से वित्तपोषित किया गया है।
इस अधिग्रहण ने अंबुजा सीमेंट्स को एक महत्वपूर्ण बढ़त प्रदान की है। अदानी ग्रुप की योजना है कि वह 2028 तक अपनी उत्पादन क्षमता को 140 MTPA तक पहुंचाए। इस कदम से न केवल कंपनी की क्षमता में वृद्धि होगी बल्कि उसकी बाजार हिस्सेदारी भी बढ़ेगी। पेनना सीमेंट्स के अधिग्रहण से अंबुजा सीमेंट्स की पैन-इंडिया बाजार हिस्सेदारी में 2% और दक्षिण भारतीय बाजार में 8% की वृद्धि होने की संभावना है।
पेनना सीमेंट्स की उत्पादन इकाइयाँ मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और राजस्थान में स्थित हैं। इसके अलावा, कंपनी के पास कृष्णपट्टनम और जोधपुर में निर्माणाधीन इकाइयाँ भी हैं। इस सौदे के अंतर्गत पेनना सीमेंट्स की क्षमता को 90 डॉलर प्रति टन या शीघ्र जोड़ी जाने वाली क्षमता को मिलाकर 80 डॉलर प्रति टन के मूल्यांकन पर रखा गया है।
इस अधिग्रहण से दक्षिण भारतीय सीमेंट बाजार में एक नई प्रतिस्पर्धा उत्पन्न होगी। अब अन्य दक्षिण भारतीय सीमेंट कंपनियों जैसे कि सागर सीमेंट्स, एनसीएल इंडस्ट्रीज, केसीपी, इंडिया सीमेंट्स, रामको सीमेंट्स और डालमिया भारत को अंबुजा सीमेंट्स के साथ मुकाबला करना होगा।
पेनना सीमेंट्स के अधिग्रहण के बाद अंबुजा सीमेंट्स के शेयरों में भी वृद्धि दर्ज की गई है। कंपनी के शेयरों में 2.2% की वृद्धि हुई है, जिससे उनकी कीमत ₹679.1 पर पहुँच गई है। इसके अलावा, 2024 में अंबुजा सीमेंट्स के शेयर 27% तक बढ़ चुके हैं।
कुल मिलाकर, यह अधिग्रहण अंबुजा सीमेंट्स के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और इसे राष्ट्रीय और दक्षिण भारतीय बाजार में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।
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Piyush Raina
ये अधिग्रहण तो बड़ा कदम है। अंबुजा अब सचमुच एक जायके की चीज बन गया है। पूरे देश में उनका सीमेंट हर घर की दीवार में है।
Srinath Mittapelli
इतनी बड़ी क्षमता बढ़ाने के बाद अब दक्षिण भारत में दक्षिणी कंपनियों का क्या होगा ये तो देखना होगा। सागर और डालमिया तो अब अपने बाजार के लिए लड़ने को मजबूर हो जाएंगे। अब तो बाजार एक बड़े खिलाड़ी के हाथ में चला गया है
Vineet Tripathi
क्या ये सब असली है या फिर बस शेयर बाजार के लिए बनाया गया ड्रामा है? कुछ लोग तो कहते हैं अदानी ग्रुप के पास पैसा है लेकिन उनकी नीतियाँ हमेशा शक्ति के लिए होती हैं।
Dipak Moryani
पेनना की इकाइयाँ आंध्र और राजस्थान में हैं तो अब अंबुजा की लॉजिस्टिक्स और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क बहुत मजबूत हो जाएगा। ये तो बस शुरुआत है।
Subham Dubey
अगर ये सब अच्छा है तो फिर आज तक के सीमेंट उद्योग के छोटे उत्पादकों का क्या हुआ? क्या ये सिर्फ एक बड़े कार्टेल का निर्माण है जो छोटे उद्यमियों को बाहर कर रहा है? सरकार कहाँ है? ये सब नियमों के खिलाफ नहीं है?
Rajeev Ramesh
14 मिलियन टन की वृद्धि के साथ जलवायु पर असर का क्या अनुमान है? सीमेंट उद्योग भारत का सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक है। इस अधिग्रहण के बाद ये संख्या और बढ़ेगी।
Vijay Kumar
बाजार का नियम है बड़ा खाता है। ये अधिग्रहण बस इसी का एक उदाहरण है।
Abhishek Rathore
अंबुजा के शेयर 27% बढ़े हैं और अब ये अधिग्रहण भी हो गया। लेकिन ये सब असल में आम आदमी के लिए क्या बदलाव लाएगा? इमारतों की कीमतें तो बढ़ती ही जा रही हैं।
Rupesh Sharma
अगर अंबुजा अब दक्षिण भारत में 8% हिस्सेदारी ले लेता है तो ये बहुत अच्छी बात है। लेकिन ये तभी अच्छा है जब वो गुणवत्ता और सेवा भी बरकरार रखे। बस बड़ा बनना नहीं, अच्छा बनना जरूरी है।